Monday, June 18, 2018

MahaLakshmi Ashtakam Lyrics- Mahalaxmi Stotram lyrics in English


mahalakshmi stotram
Mahalakshmi ashtakam

महा लक्ष्मी अष्टकं स्तोत्र हिंदी hindi lyrics-(Click here for English)

This hymn called Mahalakshmi Ashtakam or MahaLakshmi Stotram is chanted by the devotees of Goddess Laxmi to please her and to gain prosperity and wealth. This Stotra or Ashtakam fulfils material desires and financial goals of the devotee. This stotra is said to first orated by Lord Indra.

When and how to chant Mahalakshmi Stotram?

1. Padma purana says that this stotra should be chanted 8 times a day continuously for 41 days. Doing this can open your fortune.
 
2. Also, when any mantra is chanted 108 times, it will overcome ill effects of 9 planets. Chanting this mantra 108 times will be more beneficial to anyone.
 
3. For those who are busy in their life, they can do this paatha in the early morning every day.
 
4. Chanting Mahalakshmi Ashtakm on Deepawali is considered very auspicious.


।।अथ इंद्रकृत महालक्ष्मी अष्टकम ( महालक्ष्मी स्तोत्रम् )।।


नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।१।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।२।।

मैं महामाया कही जाने वाली देवी महालक्ष्मी को प्रणाम करता हूँ, श्री पीठ में देवता जिनकी पूजा करते हैं। जिनके हाथ में शंख, चक्र और गदा शोभित है उन महालक्ष्मी (देवी) को नमस्कार है।
उन देवी को नमस्कार है जो गरुड़ पर आरूढ़ होती हैं और कोलासुर के लिए जो भयंकर प्रतीत होती हैं। सभी पापों को हरने वाली महालक्ष्मी देवी को नमस्कार है।

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।३।।s
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भक्तिमुक्तिप्रदायिनी।
मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।४।।
 
जो सबकुछ जानती है और जो सभी वरदान देने वाली है, जो सभी दुखों को हर लेतीं हैं उन महालक्ष्मी को नमस्कार है।
सभी प्रकार की सिद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाली तथा मोक्ष प्रदान करने वाली देवी जो सदैव मन्त्र के सूक्ष्म रूप में विद्यमान रहती हैं, उन महालक्ष्मी को मैं नमस्कार करता हूँ।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।५।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्ति महोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।६।।
 
वे जो आदि और अंत से रहित हैं और जो आदिशक्ति हैं उन योग से जन्मीं और योग से जुड़ीं महालक्ष्मी देवी को नमस्कार है। जो स्थूल और सूक्ष्म दोनों रूपों में विद्यमान हैं, जो रुद्राणी देवी का भयंकर रूप हैं। जो महाशक्ति के उदर (womb) में स्थित हैं उन महापाप को हरने वाली महालक्ष्मी देवी को नमस्कार है।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रम्हस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।७।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोस्तुते ।।८।।
 
जो कमल के आसान पर विराजमान हैं और जो परब्रम्ह का स्वरुप हैं उन महादेवी सम्पूर्ण जगत की माता महालक्ष्मी को नमस्कार है।
जिन्होंने सफ़ेद वस्त्र पहने हुए हैं और जो अनेको आभूषणों से सुशोभित हैं उन (संसार में निहित) महालक्ष्मी देवी को नमस्कार है।

फलश्रुति: -
महालक्ष्म्यष्टकम् स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः।।
जो पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ महालक्ष्मी स्तोत्र को पढ़ता है वह सभी सिद्धियों और समृद्धि को प्राप्त करता है।
प्रतिदिन एक बार पाठ करने वाले के महान पापों का भी नाश हो जाता है। दो बार पढ़ने वाले को धनधान्य की प्राप्ति होती है।

त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ।।

तीन बार इस स्तोत्र को पढ़ने वाले के शत्रुओं का नाश हो जाता है और महालष्मी सदैव उससे प्रसन्न होतीं है।

।। इति श्री महालक्ष्मी अष्टकम सम्पूर्णम।।

Shri MahaLakshmi Ashtakam (stotram) English Lyrics

om
Namaste- astu Mahamaaye shripeethe- surpujite
shankha- chakra- gadaa- haste Mahalakshmi Namostute, 1
Namaste Garudharudhe, Kolasura- bhayankari
Sarva- paap- hare devi, Mahalakshmi Namostute, 2

Sarvagye sarva varade sarvadushta bhayankari,
Sarva- dukhh- hare devi Mahalakshmi Namostute, 3
Siddhi buddhi prade devi bhukti mukti pradaayini,
Mantra moorte sada devi Mahalakshmi Namostute, 4

Aadyanta- rahite devi Aadyashakti Maheshwari,
Yogaje yogsambhoote, Mahalakshmi Namostute, 5
Sthulsukshm- maharaudre mahashakti mahodare,
Mahapaapa- hare devi Mahalakshmi Namostute, 6

Padmaasana- sthite devi Parabramha- swarupini,
Parameshi JaganmaatarMahalakshmi Namostute, 7
Shwetaambar- dhare devi Nana-alankaar bhushite,
Jagat- sthite JaganmaatarMahalakshmi Namostute, 8

Mahalakshmyashtakam Stotram yah pathed-bhaktimaanarah,
Sarvsiddhimavapnoti rajyam praapnoti sarvada, 9
Ekakaale pathennityam Mahapaapa- vinashanam,
dwikaalam yah pathennityam dhan-dhaanya- samanvitah, 10

Trikaaalam yah pathennityam Mahashatru Vinaashanam,
Mahalakshmeer- bhavennityam prasanna varadaa shubha, 11

iti shri mahalakshmi ashtakam sampurnam

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Saturday, June 16, 2018

प्रेतराज सरकार की आरती | Pretraj Sarkar Ki Aarti lyrics

shri pretraj sarkar aarti
Pretraj Sarkar

श्री प्रेतराज सरकार की आरती -

प्रेतराज सरकार का मंदिर मेहंदीपुर राजस्थान में स्थित है, प्रेतराज सरकार को भूतों के देवता(राजा) के रूप में पूजा जाता है। प्रेतराज सरकार बालाजी के सहायक देव हैं और बालाजी की पूजा के साथ प्रेतराज सरकार की पूजा भी अनिवार्य है। यहाँ हमारी वेबसाइट पर प्रेतराज सरकार की आरती हिंदी और उसके नीचे english में दी गयी है।

जय प्रेतराज कृपाल मेरी, अरज अब सुन लीजिये |
मैं शरण तुम्हारी आ गया हूँ , नाथ दर्शन दीजिये ||

मैं करूँ विनती आपसे अब तुम दयामय चित्त धरो |
चरणों का ले लिया आसरा, प्रभु वेग से दुःख मेरा हरो ||

सिर पर मुकुट कर में धनुष, गल बीच मोतियन माल है |
जो करें दर्शन प्रेम से, सब कटत भाव के जाल है ||

जब पहन दस्तर  खडग बाई बगल में ढाल है |
ऐसा भयंकर रूप जिसको देख डरपत काल है ||

अति प्रबल सेना विकत योद्धा, संग में विकराल है|
सब भूत प्रेत पिशाच बाँधे, कैद करते  हाल है ||

तव रूप धरते वीर का, करते तैयारी चलन की |
संग में लडाके जवान, जिनकी थाह नहीं बलन की ||

तुम सब तरह सामर्थ्य हो, सकल सुख के धाम हो |
दुष्टों के मारनहार हो,  भक्तों के पूरण काम हो ||

मैं हूँ मति का मंद मेरी, बुद्धि  को निर्मल करो |
अज्ञान का अँधेरा उर में ज्ञान का दीपक धरो ||

सब मनोरथ सिद्ध करते, जो कोई सेवा करे |
तंदुल, बूरा , घ्रत,  मेवा, भेंट ले आगे धरे ||

सुयश सुनके आपका, दुखिया तो आये दूर से |
सब स्त्री अरु पुरुष आकर पड़े हैं चरण हुजूर के ||

लीला है अदभुत आपकी महिमा तो अपरंपार है |
मैं ध्यान जिस दिन धरत हूँ, रच देना मंगलाचार है ||

सेवक गणेशपुरी महंत जी की, लाज तुम्हारे हाथ है |
करना खता सब माफ़ उनकी, देना हरदम साथ है||

दरबार में आयो अभी, सरकार में हाजिर खड़ा |
इंसाफ मेरा अब करो, चरणों में आकर गिर पड़ा ||

अर्जी बमूजिब दे चुका, अब गौर इस पर कीजिये |
तत्काल इस पर हुक्म लिख दो, फैसला कर दीजिये ||

महाराज की यह स्तुति, कोई नियम रूप से गाया करे |
सब सिद्ध कारज होये, उनके रोग पीड़ा सब हरे ||

भक्त सेवक आपके, उनको नहीं विसराइये |
जय जय मनायें आपकी, बेड़े को पार लगाइये ||

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Pretraj Sarkar ki aarti lyrics-

Pretraj sarkar ki aarti lyrics in english

jay pretraj kripaal meri araj ab sun lijiye
mein sharan tumhari aa gaya hun naath darshan dijiye.

mein karun vinti aapse ab tum dayamay chitt dharo
charno ka le liya aasra prabhu veg se mera dukh haro.

sir par mukut kar me dhanush gal beech motiyan maal hai
jo karen darshan prem se sab katat bhav ke jaal hai.

jab pehan dastar le khadag by bagal me dhaal hai
esa bhayankar roop jisko dekh darpat kaal hai.

ati prabal sena vikat yodha sang me vikraal hai
sab bhoot pretpisaach baandhe kaid karte haal hai.

tab roop dharte veer ka karte taiyaari chalan ki
sang me ladake javan jinki thaah nhi balan ki.

tum sab tarah saamarthya ho prabhu sakal sukh ke dhaam ho
duston ke maaranhaar ho bhakton ke puran kaam ho.

mein hu mati ka mand meri buddhi ko nirmal karo
agyaan ka andhera ur mein gyaan ka deepak dharo.

sab manorath siddh karte jo koi seva kare
tandul boora ghrt meva bhent le aage dhare.

suyash sun ke aapka dukhiya to aaye dur se
sab stri or purush aakr pade charan hujur ke.

leela hai adbhut aapki mahima to aprampaar hai
me dhyaan jis din dharat hu, rach dena manglachar hai.

sevak ganeshpuri mahant ji ki laaj tumhare haanth hai
karna khata sab maaf unki dena hardam saath hai.

darbaar me aayo abhi sarkar me haajir khada
insaaf mera ab karo charon me aakar gir pada.

arji bamujib de chuka ab gor is par keejiye
tatkaal is pr hukm likh do faisla kar deejiya.

maharaj ki yah stuti koi niyam se gaaya kare
sab siddh kaaraj hoye unke rog peeda sab hare.

bhakt sevak aapke unko nahi visraaiye
jai jai manayen aapki bede ko paar lagaiye.

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Thursday, June 14, 2018

Shri Ram Chalisa in Hindi

 shri ram

श्री राम चालीसा -

चौपाई 
श्री रघुवीर भक्त हितकारी| सुन लीजे प्रभु अरज हमारी ||
निशदिन ध्यान धरे जो कोई | ता सम भक्त और नहिं होई ||

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं | ब्रम्ह इंद्र पार नहिं पाहीं ||
जय जय जय रघुनाथ कृपाला , सदा करो संतान प्रतिपाला।।

तुम्हार वीर हनुमाना | जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना ||
तब भुज दंड प्रचंड कृपाला | रावण मारि सुरन प्रतिपाला ||

तुम अनाथ के नाथ गुंसाई | दीनन के हो सदा सहाई ||
ब्रम्हादिक तव पारन पावैं| सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ||

चारिउ वेद भरत हैं साखी | तुम भक्तन की लज्जा राखीं ||
गुण गावत शारद मन माहीं | सुरपति ताको पार न पाहीं ||

नाम तुम्हार लेत जो कोई | ता सम धन्य और नहिं होई ||
राम नाम है अपरम्पारा | चारिहु वेदन जाहि पुकारा ||

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो | तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो ||
शेष रटत नित नाम तुम्हारा| माहि को भार शीश पर धारा ||

फूल सामान रहत सो भारा| पाव न कोउ तुम्हरो पारा ||
भरत नाम तुम्हरो उर धारो| तासों कबहुं न रण में हरो||

नाम शत्रुघन हृदय प्रकाशा | सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ||
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी | सदा करत सन्तन रखवारी ||

ताते रण जीते नहिं कोई | युद्ध जुरे यमहूं किन होइ ||
महालक्ष्मी धर अवतारा| सब विधि करात पाप को छारा ||

सीता राम पुनीता गायो| भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ||
घाट सों प्रकट भाई सो आई| जाको देखत चंद्र लजाई ||

सो तुमरे नित पांव पलोटत| नवो निद्धि चरणन में लोटत ||
सिद्धि अठारह मंगलकारी| सो तुम पर जावे बलिहारी ||

औरहु जो अनेक प्रभुताई | सो सीतापति तुमहिं बनाई ||
इच्छा ते कोटिन संसारा | रचत न लागत पल की बारा ||

जो तुम्हे चरणन चित लावै| ताकि मुक्ति अवसि हो जावै ||
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा| निर्गुण ब्रम्ह अखंड अनूपा||

सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी| सत्य सनातन अन्तर्यामी||
सत्य भजन तुम्हरो जो गावे| सो निश्चय चरों फल पावें||

सत्य सपथ गौरीपति कीन्हि| तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं||
सुनहु राम तुम तात हमारे | तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे ||

तुम्हीं देव कुल देव हमारे | तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ||
जो कुछ हो सो तुम्हीं राजा| जय जय जय प्रभु राखो लाजा ||

राम आत्मा पोषण हारे| जय जय दशरथ राज दुलारे ||
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा| नमो नमो जय जगपति भूपा||

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा| नाम तुम्हार हरत संतापा ||
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया| बजी दुन्दुभि शंख बजाया ||

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन| तुम ही हो हमारे तन मन धन ||
याको पाठ करे जो कोई| ज्ञान प्रकट ताके उर होइ ||

आवागमन मिटै तिहि केरा| सत्य वचन माने शिर मेरा ||
और आश मन में जो होइ| मनवांछित फल पावे सोइ ||

तीनहुँ काल ध्यान जो ल्यावै| तुलसी दाल अरु फूल चढ़ावे||
साग पत्र सो भोग लगावे| सो नर सकल सिद्धता पावे ||

अंत समय रघुवरपुर जाई| जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ||
श्री हरिदास कहै अरु गावे| सो बैकुण्ठ धाम को पावै ||
दोहा -

सात दिवस जो नेम कर , पाठ करे चित लाये |
हरिदास हरी कृपा से , अवसि भक्ति को पाय ||

राम चालीसा जो पढ़े , राम चरण चित लाय |
जो इच्छा मन में करै , सकल सिद्ध हो जय ||

।। इति श्री प्रभु राम चालीसा सम्पूर्णम ।।

Ram Chalisa in Hindi ( Lyrics )-

shri raghuveer bhakt hitkari sun lije prabhu araj hmari.
nishdin dhyaan dhare jo koi ta sam bhakt or nhi hoi..

dhyaan dhare shivji man mahi brahma indra par nhi pahi.
jai jai jai raghunaath kripala sada karo santan pratipala..

doot tumhaar veer hanumaana jasu prabhav tihu pur jana.
tav bhujdand prachan kripala ravan mari suran pratipala..

tum anah ke naat gusai deenan ke ho sada sahai.
bramhadik tav par na paven sada eesh tumharo yash gave..

chariu ved bharat hai sakhi tum bhaktan ki lajja rakhi.
gun gavat sharad man mahi surpati tako par na pahi..

naam tumhare let jo koi ta sam dhyan aur nhi koi.
ram naam hai aprampara charin ved jahi pukara..

ganpati naam tumharo linho tinko pujya pratham tum kinho.
shesh ratat nit naam tumhara mahi ko bhar shish par dhara..

phool saman rahat so bahara pavat kou na tumhara para.
bharat naam tumharo ur dharo taso kabahu na ran me haro..

naam satrugna hriday prakasha sumirat hot satru kar nasha.
lakhan tumhare aagykari sada karat santan rakhwari..

taate ran jeete nahi koi yuddh jure yamahu kin hoi.
mahalakshmi dhar avtara sab vidhi karat paap ko chara..

seeta ram puneet gayo bhuvneswari prabhav dikhayo.
ghat pe prakat bhai so aayi jako dekhat chand lajai..

so tumhare nit paon palotat navo nidhi charnan mein lotat
siddhi atharah mangalkari so tum par jave balihari

aurahu jo naek prabhutai so seetapati tumahi banai
ichcha te kotin sansara rachat na lagat pal ki bhara

jotumhare charnan chit lave, taki mukti avasi ho jaye
sunahu ram tum tat hmare tumhi bharat kul pujya prachare

tumhi dev kul dev hmare, tum gurudev pran ke pyare
jai jai jai prabhu jyoti swarupa, nirgun bramha akhand anoopa

satya satya jai satyavrt swami, satya sanatan antaryami
satya bhajan tumharo jo gaave, so nishchy charon phal pave

satya sapath gauripati kinhi tumne bhaktahi sab siddhi dinhi
gyan hrady jo gyaan swarupa namo namo jai jagpati bhoopa

dhyan dhyan tum dhyan pratapa naam tumhar harat santapa
satya shudh deva mukh gaya baji dundubhi shankh bajaya

satya satya tum satya sanatan tumhi ho hmara tan man dhan
yako path kare jo koi gyan prakat take ur hoi

awagaman mitsi tihi kera satya vachan mane shiv mera
aur aas man mein jo hoi manvanchit phal pave soi

teenahu kal dhyan jo lave tulsidas anu phool chadave
saag patra so bhog lagave so nar sakal siddhata pave

ant samay raghuvar pur jai jaha janam hari bhakt kahai
shri haridas khai aru gaave so vaikunth dham ko pave

-doha-

saat diwas jo nem kar path kare chit laye
hardas harikripa se avasi bhakti k pave

ram chalisa jo padhe ram sharan chit laye
jo ichcha man mein kare sakal siddha ho jaye

| iti shri ram chalisa sampurnam |

Shri Ram Ji Ki Aarti lyrics, श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन

shri ram ji
Shri Ram

राम जी की आरती -

 श्री राम जी की आरती संत गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखी गयी है। इस आरती के साथ हनुमान जी की आरती भी करना चाहिए। 
श्री राम चंद्र कृपालु भजु मन, हरण भव भय दारुणम |
नव कंज लोचन कंज मुख, कर कंज, पद कंजारुणम ||


कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुंदरम ||
पटपीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरम |

भजु दीन बन्धु दिनेश, दानव दैत्य वंश निकन्दनम |
रघुनन्द आनंदकंद कौशलचंद्र, दशरथ नन्दनम ||

सिर मुकुट कुण्डल तिलक, चारु उदारु अंग विभूषणं |
आजानुभुज सर-चाप धर , संग्रामजित खरदूषणं ||

इति वदति तुलसीदास शंकर, शेष मुनि मन रंजनम |
मम हृदय कुञ्ज निवास कुरु, कामादि खल दल भंजनम||

मन जाहि राचेउ मिलहि सो, वर सहज सुंदर सांवरो |
करूणानिधान सुजान सील, सनेह जानत रावरो ||

एहि भांति गौरी असीस सुनी, सिय सहित हर्षित अली |
तुलसी भवानिहि पुजि पुनि पुनि, मुदित मन मंदिरचली ||

-दोहा-

जानी गौरि अनुकूल, सिय हिय हरषु न जाई कहि |
मजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे ||

Ram Ji Ki Aarti, Shri Ram aarti-

Ram aarti is created and sung by Goswami Tulsidas Ji. With this aarti, Hanuman aarti is very effective in worship.

Shree ram chandra kripalu bhaju man,
haran bhav bhay darunam,
nav kanj lochan, kanj mukh,
kar kanj, pad kanjarudnam,

kandarp agadit amit chavi,
nav neel neeraj sundaram,
patpeet manahu tadit ruchi suchi,
naumi janaksutavaram,

bhaju deen bandhu dinesh,
danav daityavans nikandnam,
raghunand anandkand kaushalchandra,
dasrath nandnam,

sir mukut kundal tilak,
charu udaru ang vibhusnam,
aajanubhuj sar chaap dhar,
sangramjit khardushnam,

iti vadit tulsidas shankar,
shesh muni man ranjnam,
mam hraday kunj nivas kuru,
kamadi khal dal bhanjnam,

man jaahi racheu milahi so var,
sahaj sundar saanwaro,
karunanidhan sujaan seel,
saneh jaanat raawaro,

ehi bhaanti gauri asees suni,
siy sahit hiy harshit ali,
tulsi bhawanihi pooji puni puni,
mudit man mandir chali.

-Doha-

jaani gauri anukul, siy hiy harsu na jayi kahi,
manjul mangal mul, baam ang farkan lage


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