Thursday, March 22, 2018

Ambe ji ki aarti- Om Jai Ambe Gouri

Jai Ambe gauri
Jai Ambe Gauri

Ambe Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi-

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको।।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ।।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी।।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती।।

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ।।

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता।।

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती।।

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे।।

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ॐ जय अम्बे गौरी आरती हिंदी अर्थ- Meaning-

१- हे गौरी, श्यामा (जिनका रंग श्याम है), ब्रह्मा विष्णु और शिव जी तुम्हारा निशदिन ध्यान करते हैं, हे अम्बे! तुम्हारी जय हो.
 
२- तुम्हारी मांग में सिन्दूर, मस्तक पर मृगमद का टीका शोभा देता है, तुम्हारा मुख चन्द्रमा की तरह सुन्दर है और दोनों नेत्र जगमगा रहे हैं.

३- तुम्हारे सोने की भांति चमकते शरीर पर लाल वस्त्र शोभा देते हैं, तुम्हारे गले पर लाल फूलों की माला सज रही है.

4- तुम्हारा वाहन सिंह शोभायमान है, तुम खड़ग और खप्पर धारण करती हो और देवताओं, मानवों और ऋषियों के दुःख हरती हो.

5- तुम्हारे कानों में कुंडल और नासिका पर मोती की शोभा है, तुम्हारा तेज करोड़ों सूर्य और चंद्रमाओं के समान है.

6- तुमने शुम्भ-निशुम्भ राक्षसों को विदीर्ण किया और महिषासुर, धूम्रलोचन का वध किया. तुम्हारे नेत्र क्रोध से भरे हुए हैं.

7- तुमने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया, तुमने रक्तबीज का हरण किया, तुमने मधु और कैटभ को मारकर देवताओं को भयमुक्त किया.

8- तुम ब्रह्मा की शक्ति ब्रह्माणी हो, तुम शिव की शक्ति रुद्राणी हो, तुम विष्णु की शक्ति कमलारानी (लक्ष्मी) हो. तुम तंत्र (अगम) और वेद (निगम) का बखान करने (बताने) वाली हो. तुम शिव के ह्रदय पर शासन करती हो.

9- ताल, मृदंग और डमरू की धुन पर  चौसठ योगिनियाँ तुम्हारा यश गाती हैं और भैरव तुम्हारे सम्मुख नृत्य करते हैं.

10- तुम ही इस जग की रचना करने वाली हो, तुम ही पालन करने वाली हो, भक्तों के दुःख भी तुम ही हरती हो, उनको सुख और समृद्धि भी तुम ही देती हो.

11- तुम्हारी चार भुजा अत्यधिक शोभा देती हैं, तुमने वर मुद्रा धारण की है, तुम्हारी सेवा करने वाले नर-नारी मनचाहा फल प्राप्त करते हैं.
 
12-सोनेकी थाल में तुम्हारे लिए अगरबत्ती, कपूर और बाती रखी हुई है, श्री मालकेतु (शक्तिपीठ) में करोड़ों रत्नों जैसी तुम्हारी ज्योति विराजित है.

13- श्री अम्बे जी की आरती को जो कोई भी गाता है वह सुख और संपत्ति प्राप्त करता है- यह शिवानन्द स्वामी का कथन है.
समाप्त!

Jai Ambe Gauri English Lyrics-

Jai Ambe Gauri, Maiya Jai Shyama Gauri.
Tumako Nishdin Dhyavat, Hari Bramha Shivari. 
 
Om Jai Ambe Gauri 
 
Mang Sindur Virajat, Tiko Mrigamad Ko.
Ujjval Se Dou Naina, Chandravadan Niko.
Om Jai Ambe Gauri 

Kanak Saman Kalevar, Raktambar Raje,
Rakta pushp Gal Mala, Kanthan Par Saje.
Om Jai Ambe Gauri 

Kehari Vahan Rajat, Khadag Khappar Dhari,
Sur-Nar-Munijan Sevat, Tinake Dukhahari. 
Om Jai Ambe Gauri 

Kaanan Kundal Shobhit, Nasagre Moti,
Kotik Chandr Divakar, Rajat Sam Jyoti.
Om Jai Ambe Gauri
 
Shumbh-Nishumbh Bidare, Mahishasur Ghati, 
Dhumr Vilochan Naina, Nishadin Madamati. 
Om Jai Ambe Gauri 
 
Chand-Mund Sanhare, Shonit Bij Hare,
Madhu-Kaitabh Dou Mare, Sur Bhayahin Kare.
Om Jai Ambe Gauri 
 
Bramhani, Rudrani,Tum Kamala Rani,
Agam Nigam Bakhani,Tum Shiv Patarani.
Om Jai Ambe Gauri 
 
Chausath Yogini Mangal Gavat,Nritya Karat Bhairu, 
Bajat Tal Mridanga,Aru Baajat Damaru.
 Om Jai Ambe Gauri 
 
Tum Hi Jag Ki Mata, Tum Hi Ho Bharata, 
Bhaktan Ki Dukh Harta, Sukh Sampati Karta.
Om Jai Ambe Gauri 
 
Bhuja Char Ati Shobhi,Varamudra Dhari, 
Manvanchhit Fal Pavat,Sevat Nar Nari. 
Om Jai Ambe Gauri 
 
Kanchan Thal Virajat, Agar Kapur Bati,
Shrimalaketu Mein Rajat, Koti Ratan Jyoti . 
Om Jai Ambe Gauri 
 
Shri Ambeji Ki Arati, Jo Koi Nar Gave,
Kahat Shivanand Svami, Sukh-Sampatti Pave. 
Om Jai Ambe Gauri...

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